Thursday, October 1, 2009

गुलज़ार साहब का एक प्यारा गीत

फिल्म: मंजु (मलयालम) १९८२
गीत: गुलज़ार
संगीत: ऍम. बी. श्रीनिवासन
गायक: भूपेंद्र

रसिया मन् बहकाए
रसिया...रसिया...रसिया
रसिया मन् बहकाए

रूप रूप की रेखा छाने
रूप को पूजे, रूप को माने
रूप से धोके खाए
रसिया मन् बहकाए
रसिया मन् बहकाए

रसिया मन् बहकाए
रसिया...रसिया...रसिया
रसिया मन् बहकाए

रसिया मन् बहकाए

रस का लोभी रंग रंग भंवराए
रसिया मन् बहकाए
रसिया मन् बहकाए

रूप रूप की रेखा छाने
रसिया...रसिया...रसिया
रूप रूप की रेखा छाने
रूप को पूजे, रूप को माने
रूप से धोके खाए
रसिया मन् बहकाए
रसिया मन् बहकाए

दिन सेकूँ तो आँच न आए
रात निगोड़ी हिम बरसाए
दिन सेकूँ तो आँच न आए
रात निगोड़ी हिम बरसाए
चाँदनी आग लगाए
चाँदनी आग लगाए
रसिया मन् बहकाए
रसिया मन् बहकाए
रसिया... मन् बहकाए...

1 comment:

Pavan said...

बहुत खूब क़सीम!